Monday, April 30, 2012

संस्कार सन्तान मे


स्वजन मृत्यु पर कानैत बाजैत, गेल छलहुँ शमशान मे
आनल जायब एहिना हमहुँ, आयल अचानक ध्यान मे

बाजी सब कियो राम नाम संग, सभहक गाति एहने होइछै
बाहर आबिते फूसि फटक्कर, केलहुँ शुरू दलान मे

बात सदरिखन की लऽ एलहुँ, की लऽ जायब दुनिया सँ
मुदा सहोदर सँ झगड़ा नित, होई छै नहि अन्जान मे

भाग्य लिखल जे हेबे करतय, काज करय के काज की
चिकरि चिकरि केँ बाजू एतबे, दास मलूक सम्मान मे

सुमन मनुक्खक जीवन भेटल, घटना छी अनमोल यौ
सफल तखन पल पल जीवन के, संस्कार सन्तान मे

Sunday, April 22, 2012

कियो हमर संगी बनू

चलू ताकय छी मिलि भगवान, कियो हमर संगी बनू।
कतऽ भेटला छी फुसिये हरान, कियो हमर संगी बनू।।

कियो कहय कण-कण मे, कियो कहय मन मे।
कियो कहय गंगा मे, कियो पवन मे।
नहि भेटल कुनु पहचान, कियो हमर संगी बनू।।

सुमरय छी दुख मे, बिसरय छी सुख मे।
पूजा के भाव कतय, नामे टा मुख मे।
छथि भक्तो बहुत अनजान, कियो हमर संगी बनू।।

करू लोक सेवा, तखन भेटत मेवा।
लोक-हित काज करू, लोके छी देवा।
सुमन कत्तेक बनब नादान, कियो हमर संगी बनू।।

Tuesday, April 17, 2012

रहबय कोहबर कत्तेक दिन

रहबय कोहबर कत्तेक दिन
बनिकय अजगर कत्तेक दिन

शादी तऽ एक संस्कार छी
जीबय असगर कत्तेक दिन

बिना काज के मान घटत नित
फूसिये दीदगर कत्तेक दिन

बैसल देहक काज कोन छै
एहने मोटगर कत्तेक दिन

आबहुँ जागू सुमन आलसी
खेबय नोनगर कत्तेक दिन

Monday, April 16, 2012

गलती बारम्बार करू

गलती बारम्बार करू
अधलाहा सँ प्यार करू

दुर्गुण सँ के दूर जगत मे
निज-दुर्गुण स्वीकार करू

दाम समय के सब सँ बेसी
सदिखन किछु व्यापार करू

अपने नीचा, मोन पालकी
एहि पर कने विचार करू

बल भेटत स्थायी, पढ़िकय
ज्ञानो पर अधिकार करू

भाग्य बनत कर्मे टा फल सँ
आलस केँ धिक्कार करू

प्रेमक बाहर किछु नहि भेटत
प्रीति सुमन-श्रृंगार करू

Saturday, April 14, 2012

चलू बैसिकय केँ कानय छी

रीति बिगड़ि गेल जानय छी
चलू बैसिकय केँ कानय छी

असगरुआ जौं
नहि नीक लागय
आओर लोक केँ आनय छी

समाधान आ कारण हमहीं
बात कियै नहि मानय छी

पैघ लोक के बात, सोचबय
के के एखन गुदानय छी

आस व्यर्थ छी बिना प्रयासक
फुसिये गप केँ तानय छी

नीक आओर अधलाह लोक केँ
कियै एक सँग सानय छी

लऽ कऽ चालनि सुमन हाथ मे
नीक लोक केँ छानय छी

Monday, April 9, 2012

मोन कियै सिंहासन पर

मोन कियै सिंहासन पर
घर मे आफत राशन पर

काज करय मे दाँती लागय
तामस झाड़ी बासन पर

लाज करू जे पाहुन जेकाँ
खाय छी कोना आसन पर

खोज-खबर नहि धिया-पुता के
बात सुनाबी शासन पर

बिना कमेने किछु नहि भेटत
जीयब खाली भाषण पर

कहू सोचिकय कहिया सुधरब
जखन उमरि निर्वासन पर

सुमन समय पर काज करू
आ सोचू निज अनुशासन पर